17 क्युं क चोखो समचार परमेसर की धारमिक्तानै बतावै, आ धारमिक्ता सरूआतऊँ लेर आखीर ताँई बिस्वास प टिकरी ह जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडर्यो ह, “धरमी मिनख बिस्वासऊँ जिसी।”
इऊँ तो ओ साबित होवै ह, क नेम-कायदा क जरिए परमेसर क सामै कोई धरमी कोनी होवै। क्युं क सास्तर म मंडर्यो ह क, “परमेसर क सामै मिनख बिस्वासऊँ धरमी होसी अर जिसी।”
पण मेरो धरमी मिनख बिस्वासऊँ जिसी, अर ज बो बिस्वासऊँ फिरज्या जणा म बिऊँ राजी कोनी रेहस्युं।”
अर म सगळो को सगळो बिको होज्याऊँ। म खुदकी धारमिक्ता की बजेऊँ धरमी कोनी हूँ जखी नेम-कायदा म मंडेड़ा धरम का काम करबाऊँ आवै ह, पण बि धारमिक्ता की बजेऊँ धरमी हूँ जखी मसी म बिस्वास की बजेऊँ परमेसर कानिऊँ आवै ह अर ओ बिस्वास करबाऊँई होवै ह।
जणा पाछै आपा काँई बोलां? गैर-यहूदि मिनख जखा धारमिक्ता की खोज म कोनी हा, बानै धारमिक्ता मिलगी। बे बिस्वास की बजेऊँई धरमी बणाया गया।
पण इब परमेसर बिना नेम-कायदा क मिनखानै कंय्यां धरमी बणावै आ परगट करी गई ह, जिकी गुवाई नेम-कायदा अर परमेसर की खेबाळा दि ह।
के होयो ज बामैऊँ क्युंक बिस्वास जोगा कोनी रिह्या? जणा के परमेसर बिस्वास जोगो कोनी रेह्सी?
जखो मिनख परमेसर का बेटा प बिस्वास करै, बिनै अजर-अमर जीवन मिलसी। पण जखो बिकी कोनी मानै, बि ताँई जीवन कोनी अर बो परमेसर की झाळ भोगसी।”
सगळा बिस्वास्या ताँई ईसु मसी प बिस्वास करबा क जरिए बिना कोई भेद कर्या परमेसर कानिऊँ मिलबाळी धारमिक्ता परगट करी गई ह।
क्युं क बे परमेसर की धारमिक्ताऊँ अणजाण होर खुदकी धारमिक्तानै बणाबा म लाग्या रिह्या अर खुदनै परमेसर की धारमिक्ता म कोनी सूप्या।
जद मोत ल्याबाळी सेवा मेमाऊँ भरेड़ी ही जणा जीवन ल्याबाळी सेवा जखी धरमी बणावै ह बा बिऊँ बेत्ती मेमाऊँ भरेड़ी क्युं कोनी होसी?
अर जखो कदैई पाप कोनी कर्यो बिनै परमेसर आपणा ताँई पापबली बणायो जिऊँ आपा परमेसर क सामै धरमी बाजां।