11 मेरी बोळी इंछ्या ह क म थानै देखूँ, क्युं क म आत्मिक आसिरबाद थारै सागै बाटबो चाऊँ हूँ जिऊँ थानै ताकत मिलै।
जदकी थे आ बातानै जाणो हो, अर थानै जखी सचाई का बचन मिल्या हीं अर थे आ बचनानै मानो बी हो। जणा बी म थानै अ बाता याद दिवाऊँ हूँ।
बिकी बडाई होवै जखो थानै, ईसु मसी का संदेस, जि चोखा समचार को म हेलो पाड़ूँ हूँ अर परमेसर का परगट होयड़ा बि भेदभर्या सच गेल जखो जुगादऊँ लुखेड़ो हो, मजबूत बणाबा की सक्ति राखै ह।
पण परबु बिस्वास जोगो ह। बोई थानै ताकत देसी अर सेतानऊँ बचासी।
अर म जाणू हूँ क जद म थारै कनै आस्युं जणा मेरै सागै मसी का खूब आसिरबाद बी ल्यास्युं।
म बिस्वासी भाईड़ा सिवानुसनै बिस्वास जोगो जाणू हूँ, बिकै हात चिठी मंडवार थानै समजायो हूँ, अर आ गुवाई दिनी ह क परमेसर की सची दया आई ह। थे इमई मजबूत रेहज्यो।
परमेसर जखो दया को दाता ह। बोई थानै मसी म जुग-जुग ताँई आपकी की मेमा ताँई बुलायो ह। अर थारै थोड़ोसोक दुख भोगबा क पाछै बो खुदई थानै मजबूत, ताकतबर अर पक्को बणासी।
बो था सगळानै चोखा कामा अर बचना म पक्को करै अर थारा हिया म हिमत बंधवावै।
अर जद पोलुस बापै हात धर्यो जणा बापै पबितर आत्मा उतर्यो। बे भात-भात की बोली बोलबा लागगा अर परमेसर का चोखा समचार को हेलो पाड़बा लागगा।
अंय्यां करता-करता बिस्वासी मंडळ्या बिस्वास म मजबूत होती गई अर गिणती म बढती गई।
बो थारा हियानै अंय्यां को पक्को करै क जद आपणो परबु ईसु सगळा पबितर दुता क सागै आसी जणा थे परम-पिता परमेसर क सामै पबितर अर निरदोस होवो।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, अर मेरा काळज्या का टुकड़ो थारै ताँई म तरसू हूँ। थे मनै राजी करो हो अर मनै थार प गुमान ह। मेरा लाडलो, थारो जीवन परबु म अंय्यांई मजबूत बण्यो रेह्णो चाए।
बो थानै देखबा की चिंत्या राखै ह। अर बो बोळो उदास ह, क्युं क थे बिकी बिमारी क बारां म सुण्या हो।
म मसी ईसु का हिया जंय्यां को लगाव राख'र थारै सगळा ताँई तरसर्यो हूँ, अर इ बात को गुवा खुद परमेसर ह।
परमेसर थानै जखो हियो दिओ ह बिकी बजेऊँ बे थारै ताँई मन लगार अरदास करसी अर बे थानै आपकै हिया म बसासी।
बो परमेसरई ह जखो ईसु मसी की बजेऊँ थानै म्हानै सागै जो'ड़र पक्को कर्यो अर आपणो अभिसेक कर्यो ह।
अर म परमेसर की इंछ्या गेल राजी मनऊँ थारै कनै आर थारै सागै राजी हो सकूँ।
पण इब आ परदेसा म मेरै काम करबा की कोई झघा कोनी बची, अर बोळा बरसाऊँ म थारूँ मिलबा ताँई बी तरसर्यो हूँ।
आ बाता क पाछै पोलुस पबितर आत्माऊँ मकीदुनिया अर अखायाऊँ होर यरूसलेम जाबा की सोची अर बोल्यो क, “बठै जाबा क पाछै मनै रोम बी जाणो ह।”
भात-भात की अणजाणी सीख की भंगर्या म मना आज्यो, क्युं क थारा हिया ताँई ओ चोखो ह क बे खाबा-पीबा का नियमा क बजाय दया की बजेऊँ मजबूत बणै। अर जखा खाबा-पीबा का नियमानै मान्या बाऊँ बाको कदैई भलो कोनी होयो।
म्हें जि ईसु क बारां म थानै बताया हा अर जखी पबितर आत्मा थानै मिली अर जखो चोखो समचार थे मान्या बिकै अलावा ज थे कोई मिनखनै दुसरा ईसु क बारां म बोलबा द्यो जणा इको मतबल ओई ह क थे ओरई ईसुनै, ओरई चोखा समचारनै अर ओरई आत्मानै मानबा अर लेबा ताँई राजी हो।
मेरो मतबल ओ ह क, जद म थारै सागै होऊँ जणा थानै मेरा अर मनै थारा बिस्वासऊँ हिमत मिलै।
अर इ भरोसा की बजेऊँई म थारै कनै दो बर आबा की मन म करी जिऊँ थानै दो बर आसिरबाद पाबा को मोको मिल सकै।