14 बा उवाज बी छठा ईस्बर नगरी दुतनै बोलरी ही जखो तूताड़ी ले राखी ही, “बा फरात म्हानदि क कनै भंदेड़ा च्यारू दुतानै छोडदे।”
छठो ईस्बर नगरी दुत आपको प्यालो बडोड़ी नदि फरात प उंदका दिओ, जिऊँ बिको पाणी सूकग्यो। अर बिको पाणी सूकबाऊँ अगुणी दिसा का देसा का राजा ताँई गेलो बणगो।
जणा बे च्यारू दुत छोड दिआ गया, जानै परमेसर बि घड़ी, बि दिन, बि म्हेना अर बि बरस ताँई त्यार करमाल्या जिऊँ बे आपका सिपायानै ताकत देवै अर बे हुकम नइ मानबाळा एक तिहाई मिनखानै मार गेरै।
जणा बे ईस्बर नगरी दुत जाकै कनै सात तूताड़ी ही, बे बानै बजाबा ताँई त्यार होगा।
इकै पाछै म च्यार ईस्बर नगरी दुतानै धरती क च्यारू कूणा म खड़्यो देख्यो, बे च्यारू कूणाऊँ आबाळी भाळनै डाट राख्या हा। जिऊँ धरतीऊँ, दरख्ताऊँ अर समदरऊँ भाळ नइ आवै।
अर म परमेसर क सामै सात ईस्बर नगरी दुतानै खड़्या देख्यो। बानै सात तूताड़ी दि गई ही।
अर म एक ओर ईस्बर नगरी दुतनै अगुणी दिसाऊँ उपर आतो देख्यो, बो जीवता परमेसर की म्होर ले राखी ही। बो बा च्यारू दुतानै जानै धरती अर समदर को नास करबा को हक दिओ गयो हो बाऊँ जोरऊँ बोल्यो,