इकै पाछै मनै काच की जंय्यां को समदर दिख्यो बो अंय्यां दिखै हो जंय्यां क बिकै मांयनै आग बळरी हो। जखा मिनख बि डरावना जानबर की मूरती अर बिका नाम का आंकऊँ जीतगा हा बानै बी काच का समदर क सारै खड़्या देख्या। बे परमेसर की देयड़ी बीणा ले राखी ही
इकै पाछै म देख्यो क मेरै सामै मिनखा की बोळी बडी भीड़ ही जिनै कोईबी कोनी गिण सकतो हो, बि भीड़ म सगळा कूणबा का मिनख, देस, बोली, अर हर दिसावर का मिनख हा , जखा बि सिंघासन अर उन्या क सामै खड़्या हा। बे धोळा गाबा पेरमाल्या हा अर हाता म खजूर की डाळ्यां ले राख्या हा।