1 इकै पाछै म च्यार ईस्बर नगरी दुतानै धरती क च्यारू कूणा म खड़्यो देख्यो, बे च्यारू कूणाऊँ आबाळी भाळनै डाट राख्या हा। जिऊँ धरतीऊँ, दरख्ताऊँ अर समदरऊँ भाळ नइ आवै।
नरसिंगो फुक्यो जासी अर बो आपका ईस्बर नगरी दुतानै धरती प च्यारूमेर भेजसी। अर बे सगळी धरती पऊँ टाळेड़ा मिनखानै भेळा करसी।
“अर बो आपका ईस्बर नगरी दुतानै भेजसी क बे धरती अर अकास प जार च्यारूमेरूँ बिका टाळेड़ा मिनखानै भेळा करीं।”
बा उवाज बी छठा ईस्बर नगरी दुतनै बोलरी ही जखो तूताड़ी ले राखी ही, “बा फरात म्हानदि क कनै भंदेड़ा च्यारू दुतानै छोडदे।”
“थे जद ताँई धरती, समदर अर दरख्तानै नास मना करज्यो जद ताँई म्हें आपणा परमेसर की म्होर बिका दासा का माथा प नइ लगा देवां।”
बानै ओडायो गयो क धरती की घास अर हर्या बोजानै अर दरख्तानै नास मना करज्यो। पण बा मिनखा को नास करज्यो जाकै माथा प परमेसर की म्होर कोनी ह।
अर म बा च्यारू जीवता पराण्या क बिच मऊँ एक हेलो आतो सुण्यो, “आबाळा टेम म धरती प काळ पड़सी बिमै एक मजुरिया की ध्यानगीऊँ एक दिन खाबा जोगोई ग्युं नहिस तीन दिन खाबा जोगोई जौ मोल लिओ जासी। पण जेतून का तेल अर अँगूरी का भाव कोनी बदलै।”
पेलो ईस्बर नगरी दुत जंय्यांई तूताड़ी बजाई बंय्यांई ओळा, लोय अर आग एक सागै मिलेड़ी दिखी। अर बानै धरती प फेक दिओ गयो जिऊँ धरती अर दरख्ता को एक तिहाई भाग बळर राख होगो, अर सगळी हरी घास बी बळगी।
अर बो धरती का सगळा देसा का मिनखानै भंगराबा ताँई जासी अ गोग अर मागोग का नामऊँ जाण्या जावै ह। बो बानै युद करबा ताँई भेळा करसी। अर बे समदर की रेत की जंय्यां अणगीणत होसी।