16 बे डूँगराऊँ अर ढाडऊँ बोलर्या हा, “म्हारै प गिर पड़ो अर जखो सिंघासन प बिराजै ह बिऊँ अर उन्या की झाळऊँ म्हानै लुखाल्यो।
बि घड़ी मिनख डूँगरऊँ बोलसी म्हारै प पड़ मरो अर डूँगर्याऊँ बोलसी म्हानै लुखाले।
अत्ता मई पबितर आत्मा मनै उपर उठा लेगी। अर म ईस्बर नगरी म एक सिंघासन देख्यो जिकै उपर कोई बेठ्यो हो।
इकै पाछै म बडोसारो धोळो सिंघासन अर बिकै उपर जखो बेठ्यो हो बिनै देख्यो। बिकै सामैऊँ आसमान अर धरती भाग छुट्या अर बाको नामो निसानई कोनी रिह्यो।
ईसु बोल्यो, “हाँ जंय्यां थे बोलो हो म बोई हूँ। अर थे मिनख का बेटानै सऊँ सक्तिसाली परमेसर क दाया हात बेठर राज करता देखस्यो। अर थे मनै ईस्बर नगरीऊँ बादळा मऊँ आतो बी देखस्यो।”
पाप्यानै मारबा ताँई बिकै मुंडाऊँ एक पेनी तलवार बारनै निकळरी ही। “बो लौ का लठ का जोर प बापै राज करसी।” सऊँ सक्तिसाली परमेसर, जखो बाका पाप की बजेऊँ बुर्यां झाळ्या भर्यो ह बि ताँई बो बानै अंय्यां पिससी जंय्यां अँगूरानै रसकूंड म पिस्योज्यावै ह।
बो बि परमेसर की जखो ईस्बर नगरी अर धरती, समदरनै अर आकै मांयनै जखी चिजा ह बा सगळ्यानै रच्यो ह बिकी सोगन खार बोल्यो, “इब ओर मोड़ो कोनी होसी।
बे जोर-जोरऊँ हेलो पाड़र्या हा, “ओ पबितर अर सचा परबु, थे कद न्याय करस्यो? इ धरती का मिनखा को न्याय अर जखा म्हानै मार्या हा बानै कद सजा देस्यो?”
जद जद बे जीवता पराणी, सिंघासन प बेठैड़ा की जखो अमर ह, मेमा अर जे-जैकार कर्या हा जणा,
अर बि सिंघासन पऊँ बिजळी का पळका, बिकी कड़कड़ाट अर बादळा की गरजबा की उवाज आरी ही। अर सिंघासन क सामै सात मसाल चसरी ही जामै लपटा उठरी ही। अ मसाल परमेसर की सात आत्मा ह।
ईसु झाळ्या म भर'र च्यारूमेर देख्यो अर बाका हियानै काठो देखर बो बोळो दुखी होयो। अर ईसु टुंडा मिनखनै बोल्यो, “तेरा हातनै सिदो करले।” अर बो आपका हातनै सिदो कर लिओ। अर बिको हात ओज्यु ठिक होगो।
जणा म देख्यो क जखो सिंघासन प बेठ्यो हो बिकै दाया हात म समटेड़ो कागद हो बि कागद क दोन्यु नाकै आंक मंडर्या हा। अर बिकै सात म्होरा की चेपी लागरी ही।
बा पाच म्हेना म मिनख मोत ढुंढसी पण बानै मोत कोनी आसी। बे मरबो चासी पण मोत बाकै अगाऊ भागसी।