10 बे चोबिस बडका, जखो सिंघासन प बेठ्यो हो अर जखो अमर ह बिका पगा म धोक खार्या हा। बे सिंघासन क सामै आपका ताज उतार बोलर्या हा,
अर जद बो बि कागदनै ले लिओ जणा बे च्यारू जीवता पराणी अर बे चोबिस बडका बि उन्या क धोक खाई। बा सगळा क कनै विणा ही अर बे सुगंद देबाळी चिजाऊँ भरेड़ा सोना का प्याला ले राख्या हा, अ परमेसर का मिनखा की अरदासनै दिखावै ह।
बे चोबिस बडका अर च्यारू जीवता पराणी सिंघासन प बिराजमान परमेसर क धोक लगार गीत गाबा लाग्या, “हालेलुया! अंय्यांई होवै।”
जणा बे चोबिस बडका जखा आपका सिंघासन प बेठ्या हा खड़्या होर परमेसर क धोक खाई,
बि सिंघासन क च्यारूमेर चोबिस सिंघासन ओर हा, बाकै उपर चोबिस बडका बेठ्या हा। बे धोळा गाबा पेर राख्या हा अर बाका माथा प सोना का ताज हा।
सगळा ईस्बर नगरी दुत बि सिंघासन क, बडका क अर च्यारू जीवता पराण्या क च्यारूमेर खड़्या हा। बे सिंघासन प बिराजमान परमेसर क धोक खाई।
जणा बे च्यारू जीवता पराणी बोल्या, “अंय्यांई होवै, ” अर बे बडका बिकै धोक खाई।
ओ परबु, बस थेई पबितर हो! देस-देस का मिनख थारै कनै आसी अर थारी जे-जैकार करसी। सगळा थारूँ डरसी अर थारो मान करसी, क्युं क थारी धारमिक्ता परगट होई ह।”
जद जद बे जीवता पराणी, सिंघासन प बेठैड़ा की जखो अमर ह, मेमा अर जे-जैकार कर्या हा जणा,
बे घर म जार बि टाबरनै बिकी माँ मरीयम कनै देख्या, अर बि टाबर क आगै धोक खाई। अर आप-आपका झोळानै खोलर बिकै सोनो, लोबान अर धूप की भेंट चढाई।
जणा बे बिकी भगती करी अर राजी-खुसी यरूसलेम बावड़्याया।
अर आज म जोक्यु बी हूँ परमेसर की दयाऊँ हूँ, अर बिकी दया मेर ताँई बेकार कोनी गई म दुसरा भेजेड़ा चेलाऊँ बढचढ'र मेनत करी ह। पण आ मेरी काबलीयत कोनी आ तो परमेसर की दया ह।
अत्ता मई पबितर आत्मा मनै उपर उठा लेगी। अर म ईस्बर नगरी म एक सिंघासन देख्यो जिकै उपर कोई बेठ्यो हो।
बो बि परमेसर की जखो ईस्बर नगरी अर धरती, समदरनै अर आकै मांयनै जखी चिजा ह बा सगळ्यानै रच्यो ह बिकी सोगन खार बोल्यो, “इब ओर मोड़ो कोनी होसी।
जणा बा च्यारू जीवता पराण्या मऊँ एक जणो बा सात्यु ईस्बर नगरी दुतानै एकेक सोना को प्यालो दिओ जखो अमर परमेसर का परकोपऊँ भरेड़ा हा।