इ ताँई चेता म आ अर आ सोच क तू कठैऊँ गिर्यो, तू तौबा कर अर पेल्या की जंय्यां काम कर, अर ज तू अंय्यां कोनी करसी जणा म तेरै कनै आर तेरा दिपदानानै बि झघाऊँ हटा देस्युँ।
थेई बताओ जखो दुख परमेसर थानै दिओ बिकी बजेऊँ थे कत्ता राजी हो, थे बात का खरा, गळत की भीड़ नइ लेबाळा, परमेसर क डर म रेह्बाळा, म्हारूँ मिलबा की लगन राखबाळा, हिमत राखबाळा अर पापी को न्याय चुकाबाळा होगा। थे अंय्यां कर सगळी बाता म आ दिखा दिआ हो, क थे पबितर हो।