दरसाव 22:2 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)
2 नगरी क गळ्या क बिच मऊँ भेरी ही। इकै दोनू किनारा प जीवन देबाळो दरखत लागर्यो हो। बापै हर म्हेना बारा भात का फळ लागता हा। अर दरखत का पत्ताऊँ सगळा देसा का मिनख निरोगा होता हा।
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह। जखो बी बुराईऊँ जीतसी म बिनै जीवन का दरख्त को फळ खाबा को हक देस्युँ जखो परमेसर का बाग म ह।