पण ज मेरा दियड़ा पाणी मऊँ कोई पिसी जणा बो ओज्यु कदैई कोनी तिसायो होसी। बि पाणीऊँ जखो म बानै देस्युँ, बिऊँ बे अजर-अमर जीवन ताँई जीवन देबाळा पाणी को झरनो बणज्यासी।”
ईसु जुबाब म बोल्यो, “ज तू परमेसर का बरदाननै जाणती अर आबी क, ‘जखो तेरूँ पीबा ताँई पाणी माँगर्यो ह बो कूण ह, जणा तू बिऊँ माँगती अर बो तनै जीवन देबाळो पाणी देतो।’”
“म, ईसु खुद, थारै अर बिस्वासी मंडळी क कनै आ बाता की गुवाई देबा ताँई मेरा ईस्बर नगरी दुतनै भेज्यो हूँ। म दाऊद का कूणबा मऊँ हूँ। म भोर को चमकतो तारो हूँ।”
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह। जखो बी बुराईऊँ जीतसी म बिनै जीवन का दरख्त को फळ खाबा को हक देस्युँ जखो परमेसर का बाग म ह।