कोई असुद चिज तो बिकै मांयनै बड़ई कोनी सकै, अर नइ बे जखा सूगला अर धोकेबाज हीं, पण बि नगरी म तो बेई बड़ सकै ह जखा को नाम उन्या की जीवन हाळी पोथी म मंडर्या ह।
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह। जखो बी बुराईऊँ जीतसी म बिनै जीवन का दरख्त को फळ खाबा को हक देस्युँ जखो परमेसर का बाग म ह।
नगरी क गळ्या क बिच मऊँ भेरी ही। इकै दोनू किनारा प जीवन देबाळो दरखत लागर्यो हो। बापै हर म्हेना बारा भात का फळ लागता हा। अर दरखत का पत्ताऊँ सगळा देसा का मिनख निरोगा होता हा।
नगरी क च्यारूमेर उचीसारी दिवाल ही। बि दिवाल म बारा बारना हा , अर बा बारा बारना प बारा ईस्बर नगरी दुत हा। अर बा बारना प इजरायल का बारा कूणबा का नाम मंडर्या हा।