11 जखा बुरो करै ह बे बुरोई करता रेह्वै। जखा भरस्ट हीं बे भरस्टई रेह्वै। जखा चोखा काम करै ह बे चोखा काम करताई रेह्वै। जखा पबितर हीं बे पबितरई रेह्वै।”
अर पापी अर धोकेबाज मिनख धोको देता अर धोको खाता बिगड़ताई जावीं।
बाकी बातई मना करो क्युं क बे आँदा मिनखा का नेता बण्या फिरै ह। अर ज आँदो आँदानै गेलो दिखावै जणा बे दोन्यु खाडा म जा पड़ै।”
भागहाळा ह बे जखा धरम का काम करबा ताँई भूखा हीं; परमेसर बाकी इंछ्या पूरी करसी!
परबु ईसु मसी की बजेऊँ आपानै बचाबाळा परमेसर की जे-जैकार हो। परमेसरई थानै बचा सकै ह, अर पापऊँ धो सकै ह। अर बोई ह जखो थानै आपकी मेमाभरी मोजूदगीऊँ राजी कर सकै ह अर खुद क सामै निरदोस खड़्यो कर सकै ह। जुगादऊँ इब ताँई अर आबाळा जुग-जुग ताँई मेमा, मान, ताकत अर अधिकार परमेसर कोई ह। अंय्यांई होवै।
जद बे मोल लेबा ताँई जारी ही अत्ता मई बिंद आगो। अर जखी छोर्या त्यार ही बानै बिकै सागै ब्या हाळा कोठा म भेजर कुआड़ ढक दिआ गया।
जिऊँ बो बिनै अंय्यां की भळका मारबाळी बिस्वासी मंडळी बणार आप ताँई त्यार करै, जिमै कोईबी दाग कोनी होवै, अर नइ बिकी खाल लटकेड़ी होवै अर नइ बिमै अंय्यां की कोई दुसरी कमी होवै पण पबितर अर बेदाग होवै।
गेला म एक अंजीर को दरख्त देखर ईसु बिकन गयो, पण बि दरख्त म पत्तानै छोडर क्युंई कोनी लाध्यो। जणा बो बि दरख्तऊँ बोल्यो, “तेरै कदैई फळ कोनी लागै!” अर बो दरख्त जदकी जदई सूकगो।
ईसु ओज्यु बाऊँ बोल्यो, “म जास्युं अर थे मनै ढुंढस्यो पण थे थारा पाप मई मरज्यास्यो। जठै म जार्यो हूँ बठै थे कोनी आ सको।”
आसमानऊँ मण-मण का ओळा मिनखा प पड़र्या हा। अर इ म्हामारी की बजेऊँ मिनख परमेसर की बुराई करर्या हा। क्युं क आ म्हामारी बोळी भेंकर ही।
बठै कोईबी सराप कोनी होसी। परमेसर अर उन्या को सिंघासन बि नगरी म होसी, अर बिका दास बिकी भगती करसी।
पण इब, हाड-मास की काया म बिकी मोतऊँ परमेसर थारूँ बी मेळमिलाप कर लिओ। जिऊँ थानै पबितर, बिना कळंक अर निरदोस बणार आपकै सामै लेर आवै।
जिऊँ थे ईस्बर नगरी म रेह्बाळा थारा परम-पिता की ओलाद बण सको। क्युं क परमेसर भला अर बुरा दोन्यु जंय्यां का मिनखा प सूरज को च्यानणो करै ह। अर धरमी अर पापी दोन्यु प म्हें बरसावै ह।