पण ज मेरा दियड़ा पाणी मऊँ कोई पिसी जणा बो ओज्यु कदैई कोनी तिसायो होसी। बि पाणीऊँ जखो म बानै देस्युँ, बिऊँ बे अजर-अमर जीवन ताँई जीवन देबाळा पाणी को झरनो बणज्यासी।”
इकै पाछै म एक उन्यानै देख्यो जखो सिंघासन, च्यारू जीवता पराण्या अर बा बडका क बिचमै खड़्यो हो। बो अंय्यां लागर्यो हो जंय्यां क बिकी बलि चढाई गई हो। बिकै सात सींग अर सात आँख ही अ परमेसर की सात आत्मा ही जानै सगळी धरती प भेज्यो गयो हो।