अर म एक हळका पिळा रंग को घोड़ो देख्यो। बिका सुवार को नाम मोत हो। बिकै गेल-गेल पताळ हो। धरती को एक चोथाई भाग बाकै बस म दिओ गयो हो क बे तलवारऊँ, काळऊँ, मरीऊँ अर धरती का जंगली जानबराऊँ मिनखानै मरवावै।
अर कफरनूम म रेह्बाळो थे के राजी होवो हो, की ईस्बर नगरी जास्यो? पण थानै तो सिदो नरक म पटक्यो जासी। क्युं क थारै मांयनै जखा चमत्कार कर्या गया हा बे सदोम नगरी म कर्या जाता जणा बा नगरी आज ताँई भसी रेह्ती।