18 “थुआतिरा की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बाता परमेसर का बेटा कानिऊँ ह, जिकी आँख्या आग की लपटा की जंय्यां ह, अर पग चमकता काँसा की जंय्यां ह।
अर बि उवाज म अंय्यां हेलो आर्यो हो क, “तू जोक्यु बि देखर्यो ह बिनै एक पोथी म मांडतो जा अर बिकै पाछै आ बातानै इफिसुस, स्मुरना, परगमुम, थुआतिरा, सरदिस, फिलीदिलफिआ अर लोदिकीया की सात्यु बिस्वासी मंडळ्यानै भेज दिजे।”
बचन देधारी होयो। बो दया अर सच क सागै म्हारै मांयनै रिह्यो। अर म्हें बिकी अंय्यां की मेमा देखी जंय्यां परम-पिता का इकलोता बेटा की मेमा।
जणा अकासऊँ हेलो आयो, “ओ मेरो लाडलो बेटो ह, जिऊँ म बोळो राजी हूँ।”
जखो आपका बेटानै बी आपणा सगळा ताँई मरबानै दे दिओ। जणा पाछै बो बिकै सागै आपानै सक्यु क्युं कोनी देसी?
जद म अंय्यां खयो क म परमेसर को बेटो हूँ, जणा थे क्युं खया म परमेसर की बुराई करूं हूँ। मनै टाळर इ जगत म भेजबाळो परम-पिताई तो ह।
म थारूँ सची बोलुँ हूँ, बो टेम आर्यो ह, आर्यो के ह बो टेम आगो, जद मरेड़ा परमेसर का बेटा की उवाज सुणसी अर जखा बी बिकी सुणसी बे जिज्यासी।
जत्ता बी बिपै बिस्वास करै ह, बानै परमेसर माफ करै ह। पण जखा बिपै बिस्वास कोनी करै बे सजा का भागी ह, क्युं क बे परमेसर का इकलोता बेटा प बिस्वास कोनी कर्या।
“क्युं क परमेसर जगत का मिनखाऊँ अंय्यां को परेम कर्यो, जिकै चलतै बो आपको इकलोतो बेटो दे दिओ। जिऊँ जखो बी बिपै बिस्वास करै बो नास नइ होवै पण अजर-अमर जीवन पावै।
ईस्बर नगरी दुत खयो, “पबितर आत्मा तेरै प उतरसी अर परम-परधान की सक्ति तनै आपकी ओट म ले लेसी, इ बजेऊँ बो पबितर टाबर परमेसर को बेटो खुवासी,
रोमी सेना को सुबेदार अर ईसु क पेरो देबाळा मिनख भूचाळ अर जखो बठै घट्यो हो बिनै देखर डरग्या। अर खया, “ओ सचमई परमेसर को बेटो हो।”
पतरस अंय्यां बोलर्योई हो क एक भळकतो बादळ आर बानै ढक लिओ अर बि बादळ मऊँ हेलो आयो, “ओ मेरो लाडलो बेटो ह। जिऊँ म बोळो राजी हूँ थे इकी मानो।”
“इफिसुस की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बात बिकै कानिऊँ ह जखो सात्यु तारा आपका दाया हात म ले राख्या ह, अर सोना का सात्यु दिपदाना क बिचमै फिरै ह।
नतनएल बिऊँ बोल्यो, “गरूजी थे परमेसर का बेटा हो, थे इजरायल का राजा हो।”
अर बे चालता-चालता एक पाणी हाळी झघा पुग्या, जणा पाणीनै देखर हिंजड़ो बिऊँ बोल्यो, “अठै पाणी तो हई, जणा पाछै मनै बतिस्मो लेबा म काँई ढिलाई ह।”
बा लूगाया म थुआतिरा नगरीऊँ लुदिआ नाम की एक लूगाई ही जखी मेंगा भाव का गाबा बेच्या करती ही अर बा परमेसर की भगत ही। परबु बिका मन का पाट खोल दिआ अर बा पोलुस की बाता प गोर करी।
इब म थुआतिरा बिस्वासी मंडळी का बा मिनखानै खेबो चाऊँ हूँ जखा बि लूगाई की सीखनै कोनी मानै अर सेतान की भेद भरी बातानै कोनी जाणै। ‘म थार प ओर बोज कोनी लादूँ,