4 बे चोबिस बडका अर च्यारू जीवता पराणी सिंघासन प बिराजमान परमेसर क धोक लगार गीत गाबा लाग्या, “हालेलुया! अंय्यांई होवै।”
जणा बे च्यारू जीवता पराणी बोल्या, “अंय्यांई होवै, ” अर बे बडका बिकै धोक खाई।
इकै पाछै मनै ईस्बर नगरी म बोळासारा मिनखा को एकसागै हेलो सुण्यो, बे जोरऊँ बोलर्या हा, “हालेलुया! परमेसर की जे हो, जे हो! क्युं क छुटकारो, सक्ति अर मेमा बेई देवै ह।
जणा बा च्यारू जीवता पराण्या मऊँ एक जणो बा सात्यु ईस्बर नगरी दुतानै एकेक सोना को प्यालो दिओ जखो अमर परमेसर का परकोपऊँ भरेड़ा हा।
क्युं क ज तू आत्माऊँ धनेवाद देवै जणा बठै खड़्या अबिस्वासी मिनख कंय्यां खेसी क अंय्यांई होवै, क्युं क बे कोनी जाणी की तू काँई खेर्यो ह?
म थानै जखो हुकम दिओ हूँ बे सगळी बाता बानै मानबो सीखाओ। अर याद राखज्यो इ दुनिया की अंत घड़ी ताँई सदाई म थारै सागै रेहस्युं।”
अर थे म्हानै बिचासबा मना द्यो पण बुराईऊँ बचाओ।
बे ओज्यु जोरऊँ बोल्या, “हालेलुया! जुग-जुग ताँई बि बडी नगरीऊँ धुँओ उठतो रेह्सी।”
इकै पाछै मनै ओज्यु बोळासारा मिनखा को एकसागै हेलो सुण्यो। ओ हेलो अंय्यां लागर्यो हो जंय्यां की पाणी का झरना की नहिस बादळा की गरजबा की उवाज हो। बे मिनख गार्या हा, “हालेलुया! क्युं क आपणो सऊँ सक्तिसाली परमेसर राज करै ह।