जणा म आसमान म एक बाजनै उडता देख्यो अर बो जोरकी उवाज म बोलर्यो हो, “इबी तो तीन ईस्बर नगरी दुता को तूताड़ी फूंकबो बाकी ह इ ताँई धरती प रेह्बाळा मिनखा प हाय! हाय! हाय!”
इकै पाछै म एक ओर ईस्बर नगरी दुतनै आसमान क बिचमै उडता देख्यो। बिकन धरती प रेह्बाळा सगळा कूणबा का मिनखा, सगळा देसा, सगळी बोली बोलबाळा अर सगळा कुल का मिनखानै सुणाबा ताँई जुग-जुग ताँई को चोखो समचार हो।