दरसाव 19:11 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)
11 जणा म ईस्बर नगरीनै खुली देख्यो अर म बठै एक धोळो घोड़ो देख्यो, अर बिका सवारनै बिस्वास जोगा अर सच का नामाऊँ बुलायो जार्यो हो। बो सचाई क सागै न्याय अर युद करतो हो।
म देख्यो क मेरै सामै एक धोळो घोड़ो ह अर बिपै जखो सुवार हो बो तिरख-बाण ले राखी ही। अर बिनै एक ताज पिरायड़ो हो अर बो जीतबाळा की जंय्यां जीतबानै बारनै चलेग्यो।
“लोदिकीया की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बाता बिकै कानिऊँ ह जखो परमेसर का हरेक वादा की जामनी ह, जखो बिस्वास जोगो, सचो गुवा अर परमेसर की सगळी सरस्टि प राज करबाळो ह।
इकै पाछै परमेसर का मनदरनै जखो ईस्बर नगरी म ह बिनै खोल्यो गयो, अर मनै मनदर म करार हाळी पेटी दिखी। बिकै पाछै बिजळी को पळको आयो, बिजळी की कड़कबा की उवाज आई अर बादळ की गरजबा की उवाज होई, भूचाळ आयो अर ओळा बरसबा लाग्या।