दरसाव 18:7 - जीवन को च्यानणो (सेकावाटी नया नियम की पोथ्या)7 जत्ती बा आपकी मेमा, बडाई अर भोगबिलास करी ह, बत्तोई बिनै दुख अर पिड़ा द्यो। क्युं क बा खुद म गुमान कर्या करती ही, ‘म राणी की जंय्यां सिंघासन प बेठी हूँ। म खालीहोइड़ी कोनी, जणा म क्युं सोक मनाऊँ?’ Gade chapit la |