6 थे बिकै सागै बंय्यांई भिवार करो जंय्यां बा कर्यो ह। जखो बा थारै सागै कर्यो ह बिऊँ दुणो बिकै सागै करो। जखो प्यालो बा थानै दि ह, बिको दुणो भर'र बिनै पाछो द्यो।
अर बडी नगरी का तीन टुकड़ा होगा, अर पापी मिनखा की सगळी नगर्या नास होगी। परमेसर बाबुल नगरीनै सजा देबा ताँई याद कर्यो जिऊँ क बो बिनै आपका परकोपऊँ भरेड़ो अँगूरी को प्यालो पिलावै।
जणा बो परमेसर का परकोप की अँगूरी जखी बाकी झाळ हाळा प्याला म घाली गई ह, बिनै पिसी अर पबितर ईस्बर नगरी दुता क सामै अर उन्या क सामै आग अर तिजाब की पिड़ा भोगसी।
बा लूगाई लाल रंग का बैंगणी गाबा पेरमाली ही। बा हिरा मोत्याऊँ, सोना, चाँद्याऊँ खुदको सिंगार करमाली ही। बिकै हात म सोना को प्यालो हो बो प्यालो सूगली बाताऊँ अर कुकरम की चिजाऊँ भरेड़ो हो।
धातु को काम करबाळो सिकन्दर मनै बोळो दिन घाल्यो ह। परबु बिकी करनी गेल बिनै फळ दे।
बिकै सागै धरती का राजा कुकरम कर्या, अर धरती प रेह्बाळा बिकी कुकरम की अँगूरीऊँ मतवाळा होगा हा।”
“जिनै केद म जाणो ह, बो केद म ज्यासी, जिनै तलवारऊँ मार्यो ज्यासी, बो तलवारऊँ मरसी।” इमई परमेसर का मिनखानै थ्यावस अर बिस्वास राखबा की जुर्त ह।
हे ईस्बर नगरी, हे परमेसर का मिनखो, भेजेड़ा चेला अर परमेसर की खेबाळो राजी होओ, क्युं क परमेसर बिको न्याय कर थारो बदलो लिओ ह।”