3 क्युं क सगळा देस, बिका कुकरम की झाळ भरी अँगूरी पी। इ धरती का सगळा राजा बिकै सागै कुकरम कर्या , अर इ धरती का सगळा लेणदेण करबाळा, बिकी भोगबिलास की बजेऊँ पिसाळा होगा।”
बिकै सागै धरती का राजा कुकरम कर्या, अर धरती प रेह्बाळा बिकी कुकरम की अँगूरीऊँ मतवाळा होगा हा।”
बिकै गेलकी गेल दुसरो ईस्बर नगरी दुत आर बोल्यो, “‘बडी नगरी बाबुल नास हो! नास हो,’ आ नगरी सगळा मिनखानै आपकी कुकरम की वासना की अँगूरी पिलाई ही।”
“बिनै आग म बळता अर बिमऊँ धुँओ निकळतो देखर धरती का राजा जखा बिकै सागै कुकरम कर्या हा अर बिकै सागै भोगबिलास म भागी बण्या हा, बे बि ताँई बार घालसी अर छाती पिटसी।
तेरै मांयनै दिआ को च्यानणो ओज्यु कदैई कोनी जगमगासी, अर नइ ओज्यु तेरै मांयनै, बिंद बिनणी को हेलो सुणबा म आसी। क्युं क तेरा लेणदेण करबाळा व्यापारी धरती का मुखिया हा। अर तेरा जादू टोणाऊँ, सगळा देसा का मिनखानै भटकायो गयो हो।
नइ, जणा थे काँई देखबा गया हा? के कोई चोखा गाबल्या पेरेड़ा मिनखनै? चोखा गाबल्या पेरबाळा अर मोजऊँ जिबाळा तो म्हेला म मिली हीं।
पण जवान खालीहोइड़ी लूगाया को नाम बिदवा सायता सूची म मना मांडजै। क्युं क मसी बई बाकी भगती प जद बिकी काया की इंछ्या सवार होवै जणा बे ब्या करबो चावीं हीं।
जत्ती बा आपकी मेमा, बडाई अर भोगबिलास करी ह, बत्तोई बिनै दुख अर पिड़ा द्यो। क्युं क बा खुद म गुमान कर्या करती ही, ‘म राणी की जंय्यां सिंघासन प बेठी हूँ। म खालीहोइड़ी कोनी, जणा म क्युं सोक मनाऊँ?’
बे आपकै उपर धूळ गेरता अर बार-घोड़ो मचाता बोलबा लाग्या, “ ‘हाय इ सऊँ बडी नगरी प, जिकी जायजादऊँ समदर म झाज चलाबाळा पिसाळा बणग्या। पण देखो! बा घड़ी भर मई नास होगी।’