20 हे ईस्बर नगरी, हे परमेसर का मिनखो, भेजेड़ा चेला अर परमेसर की खेबाळो राजी होओ, क्युं क परमेसर बिको न्याय कर थारो बदलो लिओ ह।”
बे जोर-जोरऊँ हेलो पाड़र्या हा, “ओ पबितर अर सचा परबु, थे कद न्याय करस्यो? इ धरती का मिनखा को न्याय अर जखा म्हानै मार्या हा बानै कद सजा देस्यो?”
इ ताँई ओ ईस्बर नगरी का रेह्बाळो, खुसी मनाओ। पण हाय धरती अर समदर प, क्युं क बापै सेतान उतरगो ह। बो झाळ्या भर'र आग-बबुलो होर्यो ह, अर बो जाणै ह क बिकन थोड़ोई टेम बच्यो ह।”
लाडलो, थे बा बातानै याद करो, जखी थानै चेताबा ताँई परबु ईसु मसी का भेजेड़ा चेला पेल्याऊँई बता दिनी ह।
जिऊँ थे बा बातानै जानै परमेसर की खेबाळा पेल्याई खे दिआ हा याद राख सको अर परबु, अर आपणानै छुटकारो देबाळा का हुकमनै याद राखो जखो थानै भेजेड़ा चेला की बजेऊँ दिओ हो।
बोई क्युंकनै तो भेजबा ताँई भेजेड़ा चेला बणार, क्युंकनै परमेसर की खेबाळा बणार, क्युंकनै चोखा समचार को हेलो पाड़बा ताँई, क्युंकनै बिस्वास्या की बिस्वासी मंडळी की रूखाळी करबाळा अर परमेसर की सीख देबाळा बणार टाळ लिआ।
जंय्यां एक हेली निम प चिणी जावै ह, बंय्यांई थे परमेसर का भेजेड़ा चेला अर बिकी खेबाळा मिनखा की सीख की निम प सेलाणी हो। जिकै कूणा का सिरा को भाठो खुद मसी ईसुई ह।
गेलड़ा दिना म मिनख जातनै ओ भेद कोनी बताएड़ो हो। पण इब परमेसर आनै पबितर आत्मा क हाता परमेसर का भेजेड़ा चेला अर परमेसर की खेबाळा प परगट कर्यो ह।
थे बिकै सागै बंय्यांई भिवार करो जंय्यां बा कर्यो ह। जखो बा थारै सागै कर्यो ह बिऊँ दुणो बिकै सागै करो। जखो प्यालो बा थानै दि ह, बिको दुणो भर'र बिनै पाछो द्यो।