17 घड़ी भर मई, इकी सगळी जायजाद जाती री।’ “बे सगळा जखा पाणी का झाज का कपतान अर बानै चलाबाळा अर बापै सवार हा अर बे सगळा मिनख जखा समदरऊँ आपको पेट भरै ह, बे दूर खड़्या होगा।
बे दस सींग अर जि खुखार ज्यानबरनै तू देख्यो हो बे बि सऊँ बडी बेस्याऊँ नफरत करसी बे बिको सक्यु खोसर बिनै उघाड़ी कर देसी। अर बिको मास खाज्यासी अर बिनै आग म बाळ गेरसी।
बे आपकै उपर धूळ गेरता अर बार-घोड़ो मचाता बोलबा लाग्या, “ ‘हाय इ सऊँ बडी नगरी प, जिकी जायजादऊँ समदर म झाज चलाबाळा पिसाळा बणग्या। पण देखो! बा घड़ी भर मई नास होगी।’
पण सुबेदार पोलुस की बाता की परवा कर्या बिना झाज का मालिक अर कपतान की बात मानी।
“अर जखा दस सींग तू देख्यो हो बे बी दस राजानै दिखावै ह, पण बानै इबी ताँई राजपाट कोनी मिल्यो, पण आनै बि खुखार ज्यानबर क सागै क्युं क टेम ताँई राज करबा को हक दिओ ज्यासी।