11 “इ धरती प लेणदेण करबाळा बि ताँई बार घालसी अर छाती पिटसी क्युं क बाका मालनै इब कोई मोल कोनी लेसी,
क्युं क सगळा देस, बिका कुकरम की झाळ भरी अँगूरी पी। इ धरती का सगळा राजा बिकै सागै कुकरम कर्या , अर इ धरती का सगळा लेणदेण करबाळा, बिकी भोगबिलास की बजेऊँ पिसाळा होगा।”
तेरै मांयनै दिआ को च्यानणो ओज्यु कदैई कोनी जगमगासी, अर नइ ओज्यु तेरै मांयनै, बिंद बिनणी को हेलो सुणबा म आसी। क्युं क तेरा लेणदेण करबाळा व्यापारी धरती का मुखिया हा। अर तेरा जादू टोणाऊँ, सगळा देसा का मिनखानै भटकायो गयो हो।
हे ईस्बर नगरी, हे परमेसर का मिनखो, भेजेड़ा चेला अर परमेसर की खेबाळो राजी होओ, क्युं क परमेसर बिको न्याय कर थारो बदलो लिओ ह।”
बे लेणदेण करबाळा जखा आ चिजानै बेचर पिसाळा बणगा हा, बे बिकी आ दुरगती देखर रोता बिलखता अर डर का मार्या दूर खड़्या होर,
“बिनै आग म बळता अर बिमऊँ धुँओ निकळतो देखर धरती का राजा जखा बिकै सागै कुकरम कर्या हा अर बिकै सागै भोगबिलास म भागी बण्या हा, बे बि ताँई बार घालसी अर छाती पिटसी।
अर बे लालची होबा की बजेऊँ थानै दिखावटी बाता बोलर थारूँ धन कमासी। अर बाकी सजा तो पेल्याऊँई परमेसर ते कर राखी ह। अर बाको नास बानै उडिकर्यो ह।
जद जार बे दास बानै खया जणा बे बाकी बाता प गोर कोनी दिआ। अर आप-आपका खेत म अर काम-धंधा प चलेग्या।
अर कबूतर बेचबाळानै बोल्यो, “आनै लेर अठैऊँ चल्या जाओ। मेरा परम-पिता का घरनै बजार बणाबा की थारी हिमत कंय्यां होई?”