16 बे दस सींग अर जि खुखार ज्यानबरनै तू देख्यो हो बे बि सऊँ बडी बेस्याऊँ नफरत करसी बे बिको सक्यु खोसर बिनै उघाड़ी कर देसी। अर बिको मास खाज्यासी अर बिनै आग म बाळ गेरसी।
इ बजेऊँ बिपै एक दिन मई बिपदा आ पड़सी। मोत, सोक, काळ बिपै पड़सी। अर आग बिनै बाळ गेरसी, क्युं क सऊँ सक्तिसाली परबु परमेसर बिको न्याय करसी।
बे आपकै उपर धूळ गेरता अर बार-घोड़ो मचाता बोलबा लाग्या, “ ‘हाय इ सऊँ बडी नगरी प, जिकी जायजादऊँ समदर म झाज चलाबाळा पिसाळा बणग्या। पण देखो! बा घड़ी भर मई नास होगी।’
जिऊँ थे राजाओं, सेनापत्या, ताकतबर मिनखा, घोड़ा को अर बाका सवारा को मास खा सको। अर सगळा मिनखा को चाए बे छोटा हो चाए बडा हो चाए बे मालिक हो चाए बे गुलाम हो बाको मास खा सको।”
अ सात सीर सात राजानै बी दिखावै ह, आमैऊँ पाच को तो नास हो चुक्यो, एक इबी राज करै ह, अर एक इब ताँई आयो कोनी। पण जद बो आसी जणा क्युं क टेम ताँई रेह्सी।
छठो ईस्बर नगरी दुत आपको प्यालो बडोड़ी नदि फरात प उंदका दिओ, जिऊँ बिको पाणी सूकग्यो। अर बिको पाणी सूकबाऊँ अगुणी दिसा का देसा का राजा ताँई गेलो बणगो।
ईस्बर नगरीऊँ एक ओर सेलाणी परगट होई, मेरै सामै एक लाल रंग को बडोसारो अजगर खड़्यो हो बिकै सात सीर अर दस सींग हा अर बिकै सात सीरां प सात ताज हा।