15 “चेता म रेह्वो, क्युं क म चोर की जंय्यां चाणचुक आऊँ हूँ! भागहाळा हीं बे जखा जागता रेह्वै ह, अर आपका गाबानै समाळै ह, जिऊँ बे सरमा नइ मरै।”
इ ताँई म तनै सला देऊँ हूँ क, तू मेरूँ आगऊँ तपाईड़ो सोनो मोल लेले जिऊँ तू पिसाळो होज्यावै। अर पेरबा ताँई मेरूँ धोळा गाबा बी मोल लेले, जिऊँ तेरो सरमिंदगी भर्यो नंगोपुणो ढक ज्यावै। अर तेरी आँख्या म घालबा ताँई सूरमो लेले जिऊँ तनै सुजबा लागज्या।
परबु क ओज्यु आबा को दिन चोर की जंय्यां चाणचुक आज्यासी। बि दिन आसमान जोरऊँ गरजसी अर बो सुजसी कोनी। अर आसमान म जत्ता बी गरह ह बे तपर पिघळ ज्यासी, अर आ धरती अर इपै जोक्यु बी ह बो सक्यु बळ ज्यासी।
इ ताँई थे चेता म रेहज्यो क्युं क थे नइ तो बि दिन क बारां म अर नइ बि घड़ी क बारां म जाणो हो।
जिनै पेरबाऊँ आपा उघाड़ा कोनी रेहस्यां।
थे जागता रिह्यो अर अरदास करो जिऊँ थे बिचास्या नइ जाओ। आत्मा तो जखो सई ह बो करनो चावै ह पण आ काया माड़ी ह।”
जणा इब थे चेता म रेह्वो अर आ कदैई मना भूलज्यो की तीन बरसा ताँई दिन-रात आसुआ क सागै थानै एक-एकनै चेताबो कोनी भूल्यो।
इ ताँई दुसरा की जंय्यां आपानै सुत्यो नइ रेह्णो चाए, पण खुदनै बस म राख'र चेता म अर जागतो रेह्णो चाए।
इ ताँई सदाई चेता म रेह्ओ अर सदाई अरदास करता रेह्ओ जिऊँ थे सगळी होबाळी बाताऊँ बच सको अर मिनख का बेटा क सामै खड़्या हो सको।”
थे जागता रेह्ओ अर अरदास करो जिऊँ थे बिचास्या नइ जाओ। आत्मा तो चावै ह पण आ काया माड़ी ह।”
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।
पण भाईड़ो, थे तो अँधकार म कोनी जिर्या, क परबु क ओज्यु आबो को दिन थार प चोर की जंय्यां चाणचुक आवै।
म तावळोई आबाळो हूँ। इ ताँई जोक्यु बी तेरै कनै ह बिनै थाम्यो राख जिऊँ कोई तेरो अजर-अमर जीवन को मुकट कोनी खोस सकै।
ईसु कह्यो, “सुणो! म तावळोई आऊँ हूँ। भागहाळा ह बे जखा इ पोथी म मांडेड़ा बचनानै जखा आबाळा टेम म पूरा होबाळा हीं बानै मानी हीं।”