6 बिकै मांयनैऊँ बे सात ईस्बर नगरी दुत बा सात म्हामार्या क सागै बारनै आया। बे साप अर चमकीला धोळा गाबा पेरमाल्या हा अर आपका सीना प सोना का पटा बांद माल्या हा।
अर बा दिपदाना क बिचमै एक मिनख दिख्यो जखो मिनख का बेटा की जंय्यां हो अर बो पगा ताँई चोळो पेर राख्यो हो। अर बिकै सीना प सुनेरा रंग को कमरबंध बंदर्यो हो।
इकै पाछै म ईस्बर नगरी म एक ओर ताजूबभरी निसाणी देखी, इबकै म देख्यो क सात ईस्बर नगरी दुत आखरी सात म्हामार्या क सागै हा। क्युं क आकै होबा क सागैई परमेसर को परकोप बी पूरो होज्यासी।
जदई एक ओर ईस्बर नगरी दुत मनदर क मांयनैऊँ बारनै आयो अर बो बिऊँ जखो बादळ प बेठ्यो हो जोरऊँ हेलो देर बोल्यो, “हसियो चलार लावणी करले क्युं क लावणी की टेम आगी ह। अर धरती की फसल पकगी ह।”
बे खड़ी-खड़ी सोचबा लागी क, “ईसु की लास कठै गई,” अत्ती बारां मई बाकन दो आदमी आर खड़्या होगा जाका गाबा भळका मारै हा।
बिकै पाछै ईस्बर नगरी म जखो बडो मनदर ह बिमऊँ एक ओर ईस्बर नगरी दुत बारनै आयो बिकन बी पेनो हसियो हो।
बडिया, उजळो अर साप मलमल, बिनै पेरबानै दिओ गयो ह।” ओ मलमल परमेसर का मिनखा का धरम का कामानै दिखावै।