17 बिकै पाछै ईस्बर नगरी म जखो बडो मनदर ह बिमऊँ एक ओर ईस्बर नगरी दुत बारनै आयो बिकन बी पेनो हसियो हो।
जणा म सुण्यो क बा सात्यु ईस्बर नगरी दुतानै मनदर मऊँ कोई जोरको हेलो देर बोल्यो, “जाओ, अर परमेसर का परकोपऊँ भरेड़ा आ सात्यु प्यालानै धरती प उंदकाद्यो।”
जदई एक ओर ईस्बर नगरी दुत जिनै आग प अधिकार हो, बेदीऊँ निकळ्यो, अर जिकै कनै पेनो हसियो हो, बिनै जोरऊँ हेलो देर बोल्यो, “तेरा पेना हसियाऊँ धरती की बैलऊँ अँगूरा का गुछा काट ले क्युं क इका अँगूर पकगा हीं।”
इकै पाछै परमेसर का मनदरनै जखो ईस्बर नगरी म ह बिनै खोल्यो गयो, अर मनै मनदर म करार हाळी पेटी दिखी। बिकै पाछै बिजळी को पळको आयो, बिजळी की कड़कबा की उवाज आई अर बादळ की गरजबा की उवाज होई, भूचाळ आयो अर ओळा बरसबा लाग्या।
जणा जखो बादळ प बेठ्यो हो बो हसियो चलायो अर धरती की फसल काट ली।
इकै पाछै सातुओ ईस्बर नगरी दुत आपको प्यालो भाळ प उंदका दिओ, अर मनदर का सिंघासनऊँ जोरको हेलो सुणाई दिओ, “सक्यु पूरो होगो!”