12 इ ताँई ओ ईस्बर नगरी का रेह्बाळो, खुसी मनाओ। पण हाय धरती अर समदर प, क्युं क बापै सेतान उतरगो ह। बो झाळ्या भर'र आग-बबुलो होर्यो ह, अर बो जाणै ह क बिकन थोड़ोई टेम बच्यो ह।”
जणा म आसमान म एक बाजनै उडता देख्यो अर बो जोरकी उवाज म बोलर्यो हो, “इबी तो तीन ईस्बर नगरी दुता को तूताड़ी फूंकबो बाकी ह इ ताँई धरती प रेह्बाळा मिनखा प हाय! हाय! हाय!”
हे ईस्बर नगरी, हे परमेसर का मिनखो, भेजेड़ा चेला अर परमेसर की खेबाळो राजी होओ, क्युं क परमेसर बिको न्याय कर थारो बदलो लिओ ह।”
बो बि परमेसर की जखो ईस्बर नगरी अर धरती, समदरनै अर आकै मांयनै जखी चिजा ह बा सगळ्यानै रच्यो ह बिकी सोगन खार बोल्यो, “इब ओर मोड़ो कोनी होसी।
जद धरती का परमेसर को कह्यो नइ मानबाळा मिनख बाकी मोत प राजी होर त्युंहार मनासी। बे एक दुसरानै भेंट भेजसी, क्युं क बे दोनू परमेसर की खेबाळा धरती का परमेसर का कह्या नइ मानबाळा मिनखानै सताया अर बापै विपदा ल्याया हा।
पेली डरावणी विपदा को ओ अंत ह। पण ध्यान रेह्वै हाल बी दो डरावणी विपदा आणी बाकी ह।
म थारूँ बोलुँ हूँ ठिक अंय्यांई जद कोई पापी पापऊँ तौबा करै ह, जणा परमेसर का ईस्बर नगरी दुता क सामै खुसी मनाई जावै ह।”
दुसरी विपदा बितगी पण तीसरी विपदा बेगिई आबाळी ह।
पण मेरा लाडलो, थे इ बातनै मना भूलज्यो, क परबु की नजर्या म एक दिन झार बरस जंय्यां अर झार बरस एक दिन की जंय्यां ह।
क्युं क पबितर सास्तर बतावै ह, “जिनै आणो ह, बो परमेसर तावळोई आसी। अर बो उवांर कोनी करसी।
क, “ईस्बर नगरी म परमेसर की जे-जैकार हो अर धरती प बा मिनखानै स्यांती मिलै जिऊँ बो राजी ह।”
अर बि बडासारा अजगरनै धरती प फेक दिओ गयो, ओ बोई पुराणो बडो नाग ह जिनै दानव, सेतान बोल्यो गयो ह। ओ सगळा जगत का मिनखानै भंगरावै ह। बो आपका दुता क सागै धरती प फेक दिओ गयो।
जणा बो परमेसर की बुराई करबानै आपको मुंडो खोल्यो अर बो परमेसर का नाम, बाकी रेह्बाळी झघा अर ईस्बर नगरी म रेह्बाळा मिनखा की बेजती करबा लाग्यो।