8 बाकी लास बी बडी नगरी का चोराया प म्हेलदि ज्यासी। इ नगरीनै बिकी बुराई क चलतै सदोम अर मिसर का नामऊँबी बुलायो जावै ह। आ बाई नगरी ह जठै बाका परबुनै सुळी प चढायो गयो हो।
बे बिकी आ दुरगती देखर डर का मार्या दूर खड़्या बार घालसी, “ ‘सऊँ बडी नगरी तेरै प हाय, बाबुल सक्तिसाली नगरी, देखो! घड़ी भर मई तेर प स्यामत आ पड़ी।’
आ बाता क पाछै एक ताकतबर ईस्बर नगरी दुत चाकी का भाठा की जंय्यां की बडीसारी ढाड उठार बिनै समदर प फेकतो होयो बोल्यो, “आ बाबुल नगरी बी, इ भाठा की जंय्यां फेक दि ज्यासी, अर ओज्यु कदैई कोनी लाधसी।
इ ताँई, ईसु मिनखानै आपका लोयऊँ पबितर करबा ताँई नगरी क बारनैई दुख भोग्यो।
अर जद बे बि नगरीनै बळता अर बिमऊँ धुँआ उठता देख्या जणा बे जोरऊँ बोल पड़्या, ‘के इ सऊँ बडी नगरी की जंय्यां कोई नगरी होई?’
धरती का सगळा देसा का मिनखा मऊँ, सगळी बोली बोलबाळा मऊँ अर सगळा कूणबा का मिनखा मऊँ क्युंक मिनख बाकी लासनै साडे तीन दिना ताँई देखसी पण बे बाकी लासनै कबर म कोनी धरबा देसी।
परमेसर इजरायल का बा मिनखा अर बा ईस्बर नगरी दुता की जंय्यां, सदोम अर अमोरानै अर बिकै कनै की नगर्या का मिनखानै जखा कुकरम करता हा, अर बुरा कामा क गेल भागता हा, बानै कदैई नइ बुत्तबाळी आग म झोकर सजा दिनी। जिऊँ अ बाता ओरा ताँई सबक होवै।
परमेसर सदोम अर अमोरा जंय्यां की नगर्यानै बाळर राख को ढेर बणा दिओ जिऊँ की पापी मिनखानै सबक मिलै क पापी मिनखा क सागै काँई होसी।
म थारूँ सची खेऊँ हूँ जद न्याय होसी, बि दिन बि नगरी की दसा सदोम अर अमोरा नगरीऊँ बी बेकार होसी।
बो जोरको हेलो देर बोल्यो, “ ‘नास हो नास हो! बाबुल नगरी को नास हो!’ आ नगरी सगळी ओपरी बलाया को, सूगला पंछ्या अर सूगला जानबरा को अडो बणगी ह।
अर बडी नगरी का तीन टुकड़ा होगा, अर पापी मिनखा की सगळी नगर्या नास होगी। परमेसर बाबुल नगरीनै सजा देबा ताँई याद कर्यो जिऊँ क बो बिनै आपका परकोपऊँ भरेड़ो अँगूरी को प्यालो पिलावै।
बिकै गेलकी गेल दुसरो ईस्बर नगरी दुत आर बोल्यो, “‘बडी नगरी बाबुल नास हो! नास हो,’ आ नगरी सगळा मिनखानै आपकी कुकरम की वासना की अँगूरी पिलाई ही।”
बि टेम क एक जोरको भूचाळ आसी अर नगरी को दसवो भाग नास होज्यासी। अर बी भूचाळऊँ सात हझार मिनख मरज्यासी, अर बाकी मिनख डरज्यासी अर ईस्बर नगरी का परमेसर की मेमा करसी।
जणा ज अ मिनख भटक जावै जणा आ मिनखा को हियो फेर'र ओज्यु परमेसर का गेला प ल्याबो बोळो ओखो ह, क्युं क बे परमेसर का बेटानै खुद ताँई ओज्यु सुळी चढावीं अर चोड़ै-धाड़ै बिको तमासो बणावीं हीं।
अर जि बजेऊँ बो धरती प पड़ग्यो। बिका काना म उवाज आई, “ओ साऊल, ओ साऊल तू मनै क्याले दिन घालै ह?”
परमेसर की खेबाळा को, अर बिका मिनखा को अर बा सगळा मिनखा को जानै इ धरती प बलि चढायो गयो हो, बाको लोय इ नगरी क माथै ह।”
बिकै माथा प नाम मंडर्यो हो जखो एक भेद हो , सऊँ बडी नगरी बाबुल बेस्या अर सूगली चिजा की माँ
इकै पाछै सात ईस्बर नगरी दुता मऊँ जाकै कनै सात प्याला हा, एक मेरै कनै आर बोल्यो, “अठै आ, म तनै बि सऊँ बडी बेस्यानै सजा भोगता दिखास्युं जखी बोळी नद्या क किनारै बेठी ह।
जिऊँ बे अँगूर नगरी क बारनै पगाऊँ चिथ्या गया, अर कूंड क मांयनै अत्तो लोय निकळ्यो क बो घोड़ा की लगाम ताँई पुचगो, अर सो कोस ताँई भेगो।
जखी लूगाईनै तू देख्यो हो आ बि बडी नगरीनै दिखावै जखी धरती का देस-देस प राज करै ह।”