जणा म आसमान म एक बाजनै उडता देख्यो अर बो जोरकी उवाज म बोलर्यो हो, “इबी तो तीन ईस्बर नगरी दुता को तूताड़ी फूंकबो बाकी ह इ ताँई धरती प रेह्बाळा मिनखा प हाय! हाय! हाय!”
इकै पाछै म ईस्बर नगरी म एक ओर ताजूबभरी निसाणी देखी, इबकै म देख्यो क सात ईस्बर नगरी दुत आखरी सात म्हामार्या क सागै हा। क्युं क आकै होबा क सागैई परमेसर को परकोप बी पूरो होज्यासी।