15 बिका पग ताजाई तपाईड़ा काँसा की जंय्यां चमकर्या हा अर बिकी उवाज झरना का पाणी की जंय्यां ही।
अर मनै ईस्बर नगरीऊँ एक जोरकी उवाज सुणी। बा उवाज भेता झरना की सी अर बिजळी की गरजबा की सी ही। जखी उवाज म सुणी बा उवाज मानो जंय्यां घणा सारका मिनख बीणा बजावै ह बंय्यांकी ही।
इकै पाछै मनै ओज्यु बोळासारा मिनखा को एकसागै हेलो सुण्यो। ओ हेलो अंय्यां लागर्यो हो जंय्यां की पाणी का झरना की नहिस बादळा की गरजबा की उवाज हो। बे मिनख गार्या हा, “हालेलुया! क्युं क आपणो सऊँ सक्तिसाली परमेसर राज करै ह।
“थुआतिरा की बिस्वासी मंडळी का मुखियानै मांड। अ बाता परमेसर का बेटा कानिऊँ ह, जिकी आँख्या आग की लपटा की जंय्यां ह, अर पग चमकता काँसा की जंय्यां ह।
इकै पाछै, म ईस्बर नगरीऊँ एक ताकतबर ईस्बर नगरी दुतनै तळै उतरता देख्यो। बिकै च्यारूमेर बादळ हा। बिकै सीर क कनै मेघ धनुस हो। बिको मुंडो सूरज की जंय्यां चमकर्यो हो अर बिका पग आग का खम्बा की जंय्यां हा।