2 म यूओदिआ अर सन्तुखेऊँ अरदास करूं हूँ क दोन्यु जणी परबु म आपसरी म मेळमिलाप कर भाणा की जंय्यां रेह्वै।
सगळा क सागै मेळमिलाप राखबा अर पबितर होबा ताँई हरेक जंय्यां कोसिस करो क्युं क बिना पबितरता क कदैई कोई परबुनै कोनी देख सकै।
जणा इब मेरा लाडला बिस्वास्यो, म आपणा परबु ईसु मसी क नाम म था सगळाऊँ अरदास करूं हूँ। जोक्यु थे बोलो बिपै सगळा एक मत होवो, जिऊँ थारै मांयनै फूट ना होवै। अर थारा बिचार अर इंछ्या एकई होवै।
लुण चोखो ह पण लुण मऊँ सुवाद चल्योजा जणा बिनै कंय्यां चरचरो कर सकां हां? थे थारै म लुण जंय्यां को सुवाद राखो अर आपसरी म स्यांतीऊँ रिह्यो।”
बाका कामा की बजेऊँ प्यार-परेम क सागै बानै बोळा आदरमान क जोगा जाण्या करो अर आपसरी म मेळमिलापऊँ रेह्ओ।
जखो बी हो आओ ल्यो आपा एकसा नियमनै मानर आगैऊँ-आगै बढता जावां जिनै इब ताँई मानर आया हां।