20 मेरा लाडला बिस्वासी भाई, ज तू मेरै ताँई आ बात करदे, जणा परबु ईसु मसी क नामऊँ मेरा काळज्या म ठंड पड़ज्या।
मनै इऊँ बेत्ती राजी कोई बात कोनी करै क मेरा टाबर सचाई प चालै ह।
क्युं क मेरा बिस्वासी भाईड़ा, म तेरा प्यार-परेमऊँ बोळो राजी हूँ, अर बिऊँ मनै हिमत मिलै ह। तेरी बजेऊँ परमेसर का मिनखा का हिया राजी हीं।
जणा इब म मेरा काळज्या का टुकड़ा उनेसिमुसनै तेरै कनै पाछो भेजूँ हूँ।
ज थारै मऊँ कोई मिनख सादन सम्पन होवै अर बिका बिस्वासी भाईड़ानै ख्या चिज की जुर्त होवै अर ज बो जुर्तमंद पाड़ोसी भाईड़ा प तरस नइ खावै जणा आपा कंय्यां खे सकां हां क बिकै मांयनै पिता-परमेसर को परेम ह?
थे थारा आत्मिक मुखिया प भरोसो करो अर बाकै बस म रेह्वो, क्युं क बे बाकी जंय्यां जानै लेखो देणो पड़ै ह थारा पिराणा ताँई जागता रेह्वै ह। अंय्यांई कर्या करो जिऊँ बाका काम थारै ताँई बोज नइ पण राजी होबा की बजे बणै। क्युं क बोज समज्या तो थारो क्युंई फाईदो कोनी होवै।
मेरा लाडला बिस्वास्यो, अर मेरा काळज्या का टुकड़ो थारै ताँई म तरसू हूँ। थे मनै राजी करो हो अर मनै थार प गुमान ह। मेरा लाडलो, थारो जीवन परबु म अंय्यांई मजबूत बण्यो रेह्णो चाए।
म मसी ईसु का हिया जंय्यां को लगाव राख'र थारै सगळा ताँई तरसर्यो हूँ, अर इ बात को गुवा खुद परमेसर ह।
इ बजेऊँ म्हानै हिमत मिली। म्हानै हिमत मिलबा क अलावा तितूस क राजी होबाऊँ ओर बी बेत्ती खुसी होई, क्युं क थारी बजेऊँ बिकी आत्मानै स्यांती मिली।
क्युं क ज म थानै दुखी करूं जणा मनै कूण राजी करसी? के थे जिनै म दुखी करतो? नइ!
बे मेरी अर थारी आत्मानै राजी करी ह। इ ताँई अंय्यां का मिनख ईज्जत क जोगा हीं।