14 पण फिलेमोन तेरी हामी बिना म क्युंई कोनी करबो चाऊँ, जिऊँ तेरूँ होबाळी भलाई कोई दबाब म नइ होवै पण तेरी इंछ्याऊँ होवै।
हर कोई बत्तोई दान दे जत्तो बो देबा की मन म करी ह। नइ बेमनऊँ अर नइ कोई क दबाव म आर, क्युं क परमेसर राजी हियाऊँ देबाळाऊँ परेम करै ह।
इ ताँई म मेरा आबाऊँ पेली मेरै सागैहाळा बिस्वासी भाईड़ानै थारै कनै जाबा ताँई मनायो जिऊँ बे, जखो खुला हियाऊँ बडो दान थे देबा ताँई जबान करी ही बिनै भेळो कर त्यार राखै। अंय्यां करबो इ बातनै दिखासी क थे थारी इंछ्याऊँ दिआ हो नइ क थे देबा ताँई पाबंद हा।
थे जोक्यु बी थारी हिया की इंछ्याऊँ द्यो हो जणा बो अपणायो जावै ह। अर मेरो खेबो तो ओई ह क थारी पायना गेलई दिज्यो बिऊँ बेसी देबा की जुर्त कोनी।
अर इको ओ मतबल कोनी क म्हें थारा मालिक हां जखा थानै खेवां क थारो बिस्वास कंय्यां को होवै। पण म्हें तो थारी खुसी ताँई थारै सागै काम करां हां, क्युं क थे बिस्वास म मजबूत हो।
अर ज ओ काम म मेरी इंछ्याऊँ करूं हूँ जणा म इको फळ पाबा जोगो हूँ। पण म ओ काम फरज क रूप म करूं हूँ क्युं क परमेसर मनै ओ काम सूप्यो ह।
थे बताओ सेना म अंय्यां को कूण मिनख होवै ह जखो खुदका खरचा प एक सिपाई की जंय्यां काम करै? अर अंय्यां को कूण ह जखो खुदका अँगूरा का बाग म अँगूर की बैल उगार बिका अँगूर कोनी खावै? के अंय्यां को बी कोई मिनख ह जखो रेवड़ की रूखाळी कर बाको दुद कोनी पीतो हो?