6 बे डरग्या हा इ ताँई पतरस आ बात बोली।
जद म बिनै देख्यो जणा बिका पगा म मरेड़ा मिनख की जंय्यां पड़गो। अर बो आपको दाइणो हात मेर प धर मेरूँ बोल्यो, “डरै मना। म पेलो अर आखरी हूँ।
पतरस बानै बतळातो देखर ईसुनै बोलबा लाग्यो, “ओ गरूजी ओ कतो चोखो ह क, आपा अठै हां। म्हानै अठै तीन पंडाळ बणाबा दे एक तेरो, एक मूसा को अर एक एलिआ को।”
जदई एक बादळ आयो अर बानै ढक लिओ अर बादळा मऊँ हेलो आयो, “ओ मेरो लाडलो बेटो ह। थे इकी सुणो।”
अर जंय्यांई बे बिऊँ बिदा ले हाक, जणा बि टेम पतरस बिऊँ बोल्यो, “म्हराज कतो चोखो ह क म्हें अठै हां! म्हानै तीन पंडाळ बणाबा दे, एक थारै ताँई, एक मूसा ताँई, एक एलिआ ताँई।” बो सचमई कोनी जाणतो हो क बो काँई बोलर्यो हो।