बो बोल्यो, “थेई आनै खाबा ताँई क्युं द्यो।” जणा जुबाब म चेला बोल्या, “आपणै कनै तो बस पाच रोटी अर दो मछी ह पण आ तो हो सकै क, म्हें जावां अर आ सगळा ताँई रोटी मोल ल्यावां।”
ईसु भीड़नै हुकम दिओ थे पंगत बणार जमीन प बेठ ज्याओ। अर इकै पाछै ईसु बा सात रोट्यानै हात म लेर परमेसरनै धनेवाद देर बा रोट्या का टुक कर-कर आपका चेलानै देतो गयो अर चेला भीड़नै परोसता गया।