34 अर ईसु ईस्बर नगरी कानि देखर दयाऊँ भर'र सांस खिंची अर बिऊँ बोल्यो, “इप्फथा!” इको मतबल ह, खुलज्या।
बे भाठानै हटायो, अर ईसु उपरनै देखर बोल्यो, “परम-पिता थारी जे हो, जखो थे मेरी सुणो हो।
ईसु पाच रोटी अर दो मछीनै हात म लिओ अर ईस्बर नगरी कानि देखर परमेसर को धनेवाद कर्यो, अर बिकै पाछै बो रोट्या ली अर रोट्या का टुक-टुक कर चेलानै देतो गयो, जिऊँ बे मिनखानै जिमा सकै अर बा दो मछ्यानै बी बा सगळा म बाट दि।
ईसु छोरी को हात पकड़्यो अर बोल्यो, “तलीता कूमी! (इको मतबल ह नानी छोरी) म तनै बोलुँ हूँ खड़ी होज्या।”
बिनै पतरस बोल्यो, “एनियास खड़्यो हो अर तेरा बिछावणा समेट क्युं क परबु ईसु मसी तनै निरोगो करै ह।” अत्ती बोलताई बो खड़्यो होगो।
मरीयम अर बिकै सागैहाळा को रोज देखर ईसु को काळज्यो पसीजगो अर बिकी अन्तर-आत्मा दुखी होई।
ईसु तीन बजै जोरऊँ बार घालर खयो “इलोई, इलोई, लमा सबकतनी।” जिको मतबल ह, “ओ मेरा परमेसर ओ मेरा परमेसर तू मनै क्याले छोड दिओ?”
ईसु बाकी इ बातनै सुणर आपकी आत्मा म जोरऊँ हूँकार भर'र बाऊँ बोल्यो, “इ पिडी का लोग चमत्कार क्युं माँगै ह? आनै सचमई ईस्बर नगरी की कोई सेलाणी कोनी दिज्यासी।”
जणा पतरस बा सगळानै कोठा क बारनै भेज्यो अर आपका गोडा टे'कर अरदास करी अर बि लास कानि देखर बोल्यो, “तबिता उठ।” जणा बा आपकी आँख खोली अर पतरसनै देखर बेठी होगी।
आ बोलर बो जोरऊँ हेलो दिओ, “लाजर, बारनै आ!”
क्युं क आपणो म्हायाजक अंय्यां को कोनी जखो आपणी कमजोरीनै म्हेसुस कोनी कर सकै; क्युं क बिनै सगळी बाता म आपणी जंय्यां बिचास्यो गयो हो जणा बी बिमै कोई पाप कोनी लाध्यो।
अ सगळी बाता बोलर ईसु आसमान कानि देखर बोल्या, “ओ परम-पिताजी, बा घड़ी आगी ह, तेरा बेटानै मेमा द्यो जिऊँ थारो बेटो थारी मेमा कर सकै।
ओज्यु ईसु बोळो दुखी होयो अर कबर प गयो। बा एक गुफा ही अर बिका मुंडा प भाठो धरेड़ो हो।
ईसु की आँख्या म आसु आगा।
अर कनै आर जद बो यरूसलेमनै देख्यो जणा बिनै बिपै रोज आयो।
ईसु बिऊँ बोल्यो, “देखबा लागज्या तेरो बिस्वासई तनै आँख्या दिनी ह।”
जणा ईसु गया अर अरथी क हात लगाया अर कांध्या हा जखा डटगा। जणा ईसु बोल्या, “मोट्यार म तेरूँ खेऊँ हूँ उठ।”
ईसुनै बिपै तरस आयो अर बो बिपै हात धर बिऊँ खयो, “म चाऊँ हूँ, तेरो कोढ धुपज्या।”
अंय्यां बोलताई बिका कान खुलगा अर जीब की आटी बी खुलगी अर बो चोखा ढंगऊँ बोलबा लाग्यो।