3 बो मूसाणा क मांयनै रेह्तो हो बिनै कोईबी साँकळाऊँ कोनी बांद सक्यो।
क्युं क बो बि सूगली ओपरी बलायनै बिमैऊँ निकळबा को हुकम दिओ। आ ओपरी बलाय बार-बार बिमै रळ जाती, जणा अंय्यां होतो क बि आदमीनै साँकळाऊँ बांद देता पण बा ही जखी साँकळानै तोड़र बिनै उजाड़ म ले ज्याती।
ईसु जद न्याव मऊँ उतर्यो जणा बठै एक मिनख मूसाणा मऊँ ईसु कनै आयो बिकै मांयनै नुगरी ओपरी बलाय ही
क्युं क बिनै बोळी बार साँकळाऊँ बांद्या हा पण बो साँकळानै तोड़ देतो अर बानै पिस गेरतो, बिनै कोईबी बस म कोनी कर सक्यो।