9 अर ईसु बानै बोल्यो, “जिकै कान ह बो बानै खोलल्यो।”
जिकै कान ह बो बानै खोलल्यो।
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह।”
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह।
इ ताँई चेता म रेह्ओ जिकनै ह बिनै ओर दिओ ज्यासी अर जिकनै कोनी बिऊँ जोक्यु ह बो बी ले लिओ जासी।”
बिकै पाछै ईसु भीड़नै आपकै कनै बुलायो अर खेबा लाग्यो, “सुणो अर समजो।
जिकै कान ह बो बानै खोलल्यो।”
“सुणो, एक बार की बात ह एक किसान हो अर बो बीज बोबा ताँई गयो।
अर क्युंक बीज उपळी माटी म पड़्या अर उपज्या जिऊँ खूब पणप्या, अर बाऊँ तीसुणा साठुणा अर सो गुणा पैदावार होई।”
जद ईसु एकलो हो जणा बिका कनै का मिनख बा बारा चेला क सागै बिऊँ मिसाल क बारां म बुजबा लाग्या
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह। जखो बी बुराईऊँ जीतसी म बिनै जीवन का दरख्त को फळ खाबा को हक देस्युँ जखो परमेसर का बाग म ह।
जिकै कान ह बे बानै खोल ले क, पबितर आत्मा बिस्वासी मंडळ्याऊँ काँई बोलै ह। जखो बी जीतसी बिनै दुजी मोत कोनी भोगणी पड़सी।”
(पण जखी चिजा मिनखा क मांयनैऊँ निकळै ह बे बिनै सूगलो करै ह। जिकै कान ह बो बानै खोलल्यो।)