8 अर क्युंक बीज उपळी माटी म पड़्या अर उपज्या जिऊँ खूब पणप्या, अर बाऊँ तीसुणा साठुणा अर सो गुणा पैदावार होई।”
“म अँगूरा की बेल हूँ अर थे डाळ्यां हो। जखा बी मेर म अर म बामै बण्यो रेह्ऊँ जणा बे बोळा फळसी क्युं क मेरै बिना थे क्युंई कोनी कर सको।
चोखो समचार सगळा जगत म फळर्यो-फुलर्यो अर फेलर्यो बी ह। बंय्यांई जद थे परमेसर की दया क बारां म सुण्या अर सचमई बिनै समज्या हा जदऊँ लेर थारै म बी चोखो समचार फळर्यो-फुलर्यो अर फेलर्यो बी ह।
अर जखा बीज उपळी माटी म बोया गया अ बे लोग हीं जखा बचन सुणर बिनै मानी हीं अर बिकै गेल फळीं, जिऊँ बे तीसुणा, साठुणा, सोगुणा अर सो गुणाऊँ बी घणो फळ ल्यावीं।”
अठै का यहूदि थिसलूनिकी का यहूदि मिनखाऊँ चोखा हा अर बे पूरा मनऊँ बचननै अपणाया अर बे रोजकी बाकी बोलेड़ी बातानै सास्तर म टोता हा क बे बंय्यांई ह क कोनी।
अर क्युंक बीज उपळी माटी प पड़्या जिऊँ बे सो गुणा, साठ गुणा अर तीस गुणा फळ्या।
धारमिक्ता का चोखा लखणाऊँ थारो जीवन भरज्यावै, जखो परमेसर की मेमा अर जे-जैकार ताँई ईसु मसीऊँ मिलै ह।
ज कोई मिनख बिकी इंछ्या पूरी करबा ताँई राजी ह। जणा बो जाण ज्यासी क आ सीख मेरै कानिऊँ ह क परमेसर कानिऊँ।
अर उपळी माटी प पड़्या बीज बे हीं जखा बचन सुणर बिनै चोखा अर खरा हियाऊँ मानै अर थ्यावस राखर समाळर राखीं हीं जद ताँई क बाका करम बि बचन गेल नइ होज्यावै।
अर क्युंक उपळी माटी प पड़्या अर बे सो गुणा फळ्या।” अत्तो खेताई बो जोरऊँ हेलो मार'र खयो, “जिकै कान ह बो बानै खोलल्यो।”
जखा बीज उपळी माटी प पड़्या अ बा मिनखा परगट करै, जखा मेरा बचनानै सुणै ह अर बानै समजै अर बिकै गेल फळ ल्यावै ह। जिऊँ बे सो गुणा, साठ अर तीस गुणा फळै ह।”
अर क्युंक झाड़्या म जार पड़्या अर झाड़ी बाकै सागै बढर बानै दाब दिनी। जिऊँ बे कोनी फळ्या।
अर ईसु बानै बोल्यो, “जिकै कान ह बो बानै खोलल्यो।”
बो मसी सगळी हेलीनै थाम राख्यो ह। अर मसी मई परमेसर सगळा बिस्वास्यानै मिलार पबितर आत्मा का बास ताँई एक पबितर मनदर बणार्यो ह।