12 जणाई तो, “देखता-देखता बानै कोनी सुजै अर सुणता-सुणता कोनी समळै अर जणाई तो बे आपका हियानै कुगेलाऊँ कोनी बदलै अर परमेसर बानै माफ कोनी करै।”
जणा बे खया, “परमेसर क राज का भेद को ज्ञान थानै दियड़ो ह पण दुसरानै म अ भेद मिसाल देर बताऊँ हूँ। जिऊँ बे देखर बी कोनी देख सकीं अर सुणर बी कोनी सुण सकीं।
अर जखा खिलाप होवीं बानै नरमाईऊँ समजाबाळो होणो चाए; काँई बेरो परमेसर बानै बाकी गळती मानर माफी माँगबा को मन देवै अर बेबी सच जाण जावै।
जणा ज अ मिनख भटक जावै जणा आ मिनखा को हियो फेर'र ओज्यु परमेसर का गेला प ल्याबो बोळो ओखो ह, क्युं क बे परमेसर का बेटानै खुद ताँई ओज्यु सुळी चढावीं अर चोड़ै-धाड़ै बिको तमासो बणावीं हीं।
इ ताँई थे थारा पापऊँ तौबा करो अर हियानै ईस्बर कानि लगाओ जिऊँ परमेसर थारा पाप धो देसी।
थारै आँख्या होतासोता बी थानै कोनी सुजै? अर थारै कान होतासोता बी थानै कोनी सुणै? थानै क्युंई याद कोनी?