4 अर बे सामै देखी जणा भाठो तो सरकेड़ो हो। बो भाठो बोळो बडो हो।
सपता का पेला दिन दितबारनै, भागपाट्याई मरीयम मगदलिनी कबर प आई अर देखी क कबर का मुंडा को भाठो हटेड़ो ह।
बानै कबर का मुंडा आगै को भाठो सरकेड़ो लाध्यो।
बिकी लासनै बि कबर म धर्यो जिनै बो ताजाई ढाडनै खोदर बणवायो हो अर कबर का मुंडानै बडासारका गोळ भाठाऊँ ढकर चलेगो।
जणा बे जार कबर प लगाईड़ा भाठा प छाप लगा दिनी अर पेरो देबा ताँई सिपाईड़ानै बठैई बिठा दिआ जिऊँ बे बिकी निगा राख सकै।
बे आपसरी म खेबा लागी, “कबर क मुंडा आगै का भाठानै कूण सरकासी?”
बे बेगीसी कबर क मांयनै जार देखी क एक मोट्यार धोळा गाबा पेर्या दाया नाकै बेठ्यो हो अर बे बिनै देखर उकचुक होगी।