जणा एक ओर घोड़ो आयो जखो लाल सूरख हो। अर बिका सुवारनै धरती का मिनखानै आपसर्या म एक दुसराऊँ मरवाबा अर बाकी सुक-स्यांती खोसबा की ताकत दि गई ही। बिनै एक बडी तलवार बी दि गई ही।
पण थे समळर रेहज्यो, थानै पकड़र कचेरी म सूप्यो ज्यासी अर थानै अरदास करबाळी झघा म पिट्यो जासी अर थानै मेरा नाम अर चोखा समचार की बजेऊँ पंचा, राजा अर हाकीमा क सामै खड़्यो कर दिओ जासी जिऊँ थे बानै चोखो समचार बता सको।