2 ईसु बिकी इ बातनै सुणर बिनै बोल्यो, “के तू इ बडीसारी हेलीनै देखै ह? अठै एक बी भाठो कोनी रेह्सी सगळा भाठा ढा दिआ जासी।”
“बे दिन बी आसी जामै थे जोक्यु बी देखर्या हो बामै एक भाठा प भाठो बी कोनी टिक्यो रेह्सी। बा सगळानै ढाह दिओ जासी।”
ईसु बानै बोल्यो, “थे इ हेलीनै खड़ी देखो हो? म थानै सची बोलुँ हूँ अठै एक भाठो बी कोनी रेह्सी। सगळा भाठा ढा दिआ जासी।”
पण मनदर क बाड़ क बारै की झघानै मना नापजे, क्युं क ओ परमेसरनै नइ ध्यारबाळा मिनखानै ताँई ह। बे बयाळिस म्हेना ताँई पबितर नगरीनै पगाऊँ चिथसी।
म्हें इनै आ खेता सुण्या हा क नासरत को ईसु इ मनदरनै ढाह देसी अर मूसा का दियड़ा रिती-रिवाजानै बदल देसी।”