9 इ बातनै सुणर अँगूरा का बाग को मालिक बा किसाना क सागै काँई करसी?” बो बठै ज्यासी अर बा किसानानै मारसी अर अँगूरा को बाग दुसरा किसानानै दे देसी।
पाछै यसाया हिमत क सागै बोलै ह: “म बानै मिल्यो जखा मनै कोनी ढुंढर्या हा। म बा ताँई परगट होयो जानै मेरी खोज खबरई कोनी हीं।”
अर बे जखा मेरा बेरी हीं जखा मनै, इ राजगद्दि प बेठ्यो कोनी देख सकै बानै मेरै सामै ल्यार बाका सीर धड़ऊँ नाकै कर द्यो।’”
“इ ताँई म थारूँ खेऊँ हूँ, परमेसर को राज थारूँ खोस लिओ ज्यासी अर बा मिनखानै दे दिओ ज्यासी जखा बिकै खया गेल बरताव करै ह।
अर जद राजानै इ बात को बेरो चाल्यो जणा बो झाळ्या म भरगो अर आपका सिपाईड़ानै भेजर बा कुटिचर मिनखानै मरवा दिओ अर बाकी नगरी म आग लगवा दिनी।
जणा बा जार खुदऊँ बी सात बुरी ओपरी बलायानै आपकै सागै कर बिकै मांयनै बड़ जावै। अर बि आदमी की दसा पेलड़ीऊँ घणी बुरी होज्यावै। इ जुग का मिनखा की दसा बी अंय्यांई होसी।”
अर जद अँगूर लागबा की रुत आई जणा बो मालिक ठेकेदारा कनै आपका दासानै अधिकार क सागै भेज्यो क बे अँगूरा को हिस्सो लेर आवै।
अर बे सगळा किसान मिलर बिनै मार दिओ अर अँगूरा का बाग क बारनै बगा दिओ।
थे सास्तर म ओ बचन कोनी बाच्यो के: “जि भाठानै कारिगर ख्याई जोगो कोनी जाण्या बोई भाठो कूणानै समाबाळो निकळ्यो।