2 अँगूर पकबा की रुत म बो मिनख दिसावरऊँ आपका दासनै बा किसाना क कनै अँगूरा का बाग म भेज्यो जिऊँ बे बा किसानाऊँ अँगूरा को हिसाब ले सकै।
पुराणा टेम म परमेसर आपणा बडकाऊँ आपकी खेबाळा क जरिए टेम-टेम प भात-भात का तरिकाऊँ बतळायो।
जद अँगूर लागबा की रुत आई। जणा बो अँगूरा मऊँ आपको हिस्सो लेबा ताँई एक नोकरनै अँगूरा का बाग म भेज्यो। पण बे ठेकेदार बिनै मार कुटर रितो-फाकोई पाछो काड दिओ।
अर जखो दास मार खाबा को काम कर्यो पण मालिक की इंछ्याऊँ अणजाण हो बिकै थोड़ी मारई पड़सी। जणाई तो म बोलुँ हूँ जिनै घणो दे राख्यो ह बिऊँ घणो माँगसी, अर जिनै बोळो सूप राख्यो ह बिऊँ बोळो लेसी।
अर जद अँगूर लागबा की रुत आई जणा बो मालिक ठेकेदारा कनै आपका दासानै अधिकार क सागै भेज्यो क बे अँगूरा को हिस्सो लेर आवै।
ईसु बाऊँ मिसाल देर खेबा लाग्यो, “एक बार अंय्यां होयो एक मिनख अँगूरा को बाग लगायो अर बि बाग क च्यारूमेर बाड़ बांदी। अर बठैई अँगूरा को रस काडबा ताँई कूंड अर निगरानी करबा ताँई एक मचाण बणायो। अर इकै पाछै बो इ बागनै ठेका प देर दिसावर चलेगो।
पण बे किसान बि दासनै पकड़र मार्या अर बिनै रितोई भेज दिओ।