“हे कपट राखबाळो धरमसास्तर्यो अर फरिसीयो! थार प धिक्कार ह। थे लोगा का ईस्बर नगरी राज म जाबाळा गेलानै रोको हो। थे नइ तो खुद बि गेलै जाओ अर नइ लोगानै बि गेलै जाबा द्यो।
जणा ईसु बिऊँ बोल्यो, “थे फरिसी हो जखा थाळी कचोळानै बारनै-बारनैऊँ तो मांजो हो। पण बो मांयनैऊँ तो गंदो को गंदो रेह बंय्यांई हात धोया काँई जद थारै मांयनै लालच अर बुराई भरी पड़ी ह।