म तो थानै पाणी को बतिस्मो द्युँ हूँ, जिऊँ ओ बेरोपाट सकै क थे थारा पापऊँ तौबा कर लिआ हो। पण जखो मेरै पाछै आबाळो ह बो मेरूँ बोळो म्हान ह; म तो बिकाळा जूता का सळू खोलबा जोगोई कोनी। बो थानै आग अर पबितर आत्मा को बतिस्मो देसी।
जणा यहून्ना बा सगळाऊँ बोल्यो, “म तो थानै पाणी को बतिस्मो देर्यो हूँ पण जखो आबाळो ह बो बोळो सक्तिसाली ह म तो बिकाळा जूता का सळू खोलबा जोगोई कोनी। अर बो थानै लाय अर पबितर आत्मा को बतिस्मो देसी।
म तो बिनै कोनी पिछाण्तो हो। पण परमेसर जखो मनै पाणी को बतिस्मो देबा भेज्यो, बोई मेरूँ बोल्यो, ‘जिपै तू पबितर आत्मानै उतरता अर रूकता देखै, जणा जाण जाजै क पबितर आत्मा को बतिस्मो देबाळो ओई ह।’