13 उजाड़ म चाळिस दिना ताँई सेतान बिनै बिचासतो रिह्यो अर बो बठै जंगली जिनावरा क सागै रेह्तो अर ईस्बर नगरी दुत बिकी खेचळ करता हा।
क्युं क आपणो म्हायाजक अंय्यां को कोनी जखो आपणी कमजोरीनै म्हेसुस कोनी कर सकै; क्युं क बिनै सगळी बाता म आपणी जंय्यां बिचास्यो गयो हो जणा बी बिमै कोई पाप कोनी लाध्यो।
के थे कोनी जाणो म मेरा परम-पितानै मदद करबा ताँई बुला सकूँ हूँ। अर बो ईस्बर नगरी दुता की बारा सेनाऊँ बी बेत्ती मेरै ताँई भेज देसी।
कोई कोनी नट सकै क, भगती को भेद कंय्यां को म्हान ह, बो जखो मिनख जूण म परगट होयो, पबितर आत्मा जिनै धरमी बतायो, अर ईस्बर नगरी दुत जिनै देख्या, देस-देस म बिको परचार कर्यो गयो, जगत म बिपै बिस्वास कर्यो गयो, अर ईस्बर नगरी म उठा लिओ गयो।
जणा पबितर आत्मा ईसुनै उजाड़ म लेगी जिऊँ सेतानऊँ बो बिचास्यो जावै।
ईसु पबितर आत्माऊँ भर'र यरदन नदिऊँ पाछो आयो। अर पबितर आत्मा बिनै उजाड़ म लेगो।